यहेजकेल की रूपरेखा

1. यहेजकेल की बुलाहट 1:1-3:27
क. उपरिलेख 1:1-3
ब. यहेजकेल का दर्शन 1:4-28
C. यहेजकेल का आयोग 2:1-3:27

द्वितीय। यहूदा के विरुद्ध भविष्यद्वाणियाँ 4:1-24:27
क. के विनाश की भविष्यवाणी
यरूशलेम 4:1-8:18
B. प्रभु की महिमा का प्रस्थान 9:1-11:25
C. बंधुआई के दो चिन्ह 12:1-28
घ. झूठे भविष्यद्वक्ताओं की निन्दा 13:1-23
ई. बड़ों की निंदा 14:1-23
F. इजराइल के हालात की तस्वीरें और
भाग्य 15:1-24:27

तृतीय। विदेशी राष्ट्रों के खिलाफ भविष्यवाणियां 25:1-32:32
ए. अम्मोन 25:1-7
बी मोआब 25:8-11
सी. एदोम 25:12-14
डी पलिश्तीन 25:15-17
ई. सोर 26:1-28:19
एफ। सिडोन 28: 20-26
जी। मिस्र 29:1-32:32

चतुर्थ। इस्राएल की बहाली की भविष्यवाणियाँ 33:1-39:29
क. पहरेदार के रूप में यहेजकेल की भूमिका 33:1-33
B. इस्राएल के चरवाहे, झूठे और सच्चे 34:1-31
C. एदोम का विनाश 35:1-15
घ. इस्राएल के लिए आशीषें 36:1-38
ई. राष्ट्र के पुनर्जीवन 37:1-14
F. राष्ट्र का पुनर्मिलन 37:15-28
G. गोग पर इस्राएल की विजय और
मागोग 38:1-39:29

वी. में इसराइल के विषय में भविष्यवाणियों
सहस्राब्दी राज्य 40:1-48:35
A. एक नया मंदिर 40:1-43:27
1. नया पवित्रस्थान 40:1-42:20
2. यहोवा की महिमा का लौटना 43:1-12
3. वेदी का समर्पण और
मंदिर 43:13-27
B. पूजा की एक नई सेवा 44:1-46:24
1. अगुवों का वर्णन 44:1-31
2. भूमि का भाग 45:1-12
3. भेंट और पर्व 45:13-46:24
C. एक नई भूमि 47:1-48:35